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Adarsh chunav achar sahinta kya hai|आदर्श चुनाव आचार संहिता क्या है

Adarsh chunav achar sahinta kya hai|आदर्श चुनाव आचार संहिता क्या है

आज इलैक्शन से सम्बन्धित बहुत ही महत्वपूर्ण विषय Adarsh chunav achar sahinta kya hai|आदर्श चुनाव आचार संहिता क्या है और कैसे काम करती है। इसको हम सब विस्तार से जाने और समझेंगे।

भारतीय संविधान के माध्यम से चुनाव आयोग ने इसे प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के साथ मिलकर उनकी सहमति से बनाया है। अर्थात राजनीतिक पार्टियों ने इसको अपनी सयुंक्त सहमति प्रदान की है।

जिससे कि इलैक्शन और सुरक्षित तरह से इन्हें सम्पन्न कराया जा सके। इसमें सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को क्या करना है, क्या नहीं करना है एवं कब तक करना है। इसे ही आचार संहिता कहते हैं

यह प्रत्याशियों और राजनीतिक पार्टियों के लिए आचार, व्यवहार एवं आचरण की करने कि नियम व्यवस्था है। जिसके आधार पर ही चुनाव आरम्भ होने से समाप्त होने तक कार्यकलाप या दिनचर्या निश्चित होती है। यही इसका मतलब होता है

आचार संहिता कब लागू होती है और कब तक रहती है

चुनाव आयोग जैसे ही चुनावों की तिथियों की घोषणा करता है। ठीक उसी समय से यह लागू हो जाती है। और इस समस्त प्रक्रिया के पूरा होने एवं परिणाम आने तक, नई सरकार के बनने तक ही लागू रहती है

क्योंकि पहले की सरकार कुछ भी नया तो कर ही नहीं पाती है, इसके कारण। यह चाहे लोक सभा चुनाव हों या विधानसभा के चुनाव, नगर निगम, नगर निकाय, नगर पंचायत या ग्राम पंचायत के चुनाव हों

सभी में इसी प्रकार से लागू होती है। जो परिणामों के आने पर समाप्त होती है। या जो इस कार्यक्रम के पूरी तरह से पूरा होने तक जारी रहती है

यह लोक सभा के आम चुनावों में सम्पूर्ण देश में इलैक्शन की तिथियों के घोषित होते ही लागू हो जाती है। और उसी तरह यह राज्यों में विधानसभा के चुनावों में केवल उन्ही राज्यों में लागू होती है

जिन राज्यों में विधानसभा के साधारण इलैक्शन होने होते हैं। या जिस राज्य में होने होता है। जैसे कि उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गोवा अथवा गुजरात सभी प्रदेशों में इसी तरह से ही यह लागू होती है

वहीं यदि किसी लोक सभा सीट या सीटों पर, विधान सभा, नगर निगम, नगर पंचायत, या जिला स्तर का कोई उपचुनाव हो तो उस निर्वाचन क्षेत्र में ही यह चुनाव आचार संहिता लागू होती है। अन्य किसी स्थान पर लागू नहीं होती

देश में चुनाव करवाने से सम्बन्धित निर्णय कौन करता है

सरकार का कार्यकाल पूर्ण होने पर देश में अथवा राज्य में चुनाव कराने का निर्णय चुनाव आयोग करता है। इसकी पूरी तरह से योजना रचना तैयार करके चुनाव कराने से सम्बन्धित निर्णय करता है। 

यह समस्त जिम्मेदारी उसी की होती है। कि वह स्वस्थ तरह से चुनावों को सम्पन्न कराये

चुनाव कितने प्रकार के होते हैं

सरकारी कर्मचारियों के लिए आचार संहिता का मतलब क्या है

सही तरह से इलैक्शन कराने के लिए सभी सरकारी कर्मचारी चुनाव आयोग के कर्मचारियों के तौर पर कार्य करते हैं। उसी के दिया निर्देशों का पालन करते हुए कार्य करते हैं। और साथ ही सम्पूर्ण राष्ट्र एवं प्रदेश में उसी की शासन व्यवस्था चलती है

चुनाव का क्या उद्देश्य होता है

इसका उद्देश्य राष्ट्र या राज्य, नगर निगम, नगर पंचायत एवं ग्राम पंचायत आदि में सरकार का कार्यकाल सम्पन्न होने से पहले चुनाव कराकर नई सरकार

मतदाताओं के माध्यम से मतदान करा कर राष्ट्र हित में लोक कल्याण के लिए नई सरकार को चुनना ही चुनाव का उद्देश्य होता है

Achar sahinta ki niaymabali
चुनाव आचार संहिता क्या है

आचार संहिता की नियमावली

इसकी नियमावली में कई तरह के नियम और व्यवस्थाओं का संग्रह किया गया है। जिनका पालन करना सभी का दायित्व होता है। और इस नैतिक जिम्मेदारी को पूर्ण करना महत्वपूर्ण होता है। जैसे कि

आचार संहिता में क्या कर सकते हैं क्या नहीं

इसमें क्या क्या कर सकते हैं जैसे कि

  • चुनाव प्रचार करते समय सभी पार्टियों के प्रत्याशियों को इसके सभी नियमों को ध्यान में रखते हुए ही आपना आपना प्रचार करना है।
  • प्रचार में केवल ऐसे ही कार्यों को रखा जा सकेगा। जिससे आपस में किसी भी तरह से विवाद रहित हो।
  • आलोचना केवल विचारों और नीतियों को लेकर होगी।
  • जिससे किसी पार्टी या प्रत्याशी की झूठी असत्य और तथ्यों के बिना और उन्हें तोड मरोड़ के मिर्च मसाला लगाकर नहीं करना चाहिए।
  • किसी सरकार या पार्टियों के द्वारा कोई भी लोकलुभावन योजना की घोषणा नहीं की जा सकती।
  • चुनावी सभाऐं रैलियों की पहले से अनुमति प्राप्त करने पर ही आयोजित की जा सकेंगी।
  • सम्पूर्ण चुनाव प्रचार में जो भी खर्चा होगा उसका हिसाब किताब हर दिन के हिसाब से रिटर्निंग अधिकारी से प्रमाणित कराकर चुनाव अधिकारी के पास उसकी प्रति करनी होगी।
  • प्रधानमंत्री जी की कोई भी रैली या चुनाव प्रचार से सम्बन्धित यात्रा भी अधिकारिक ही होगी। उनकी यात्राओं को चुनाव आयोग द्वारा इस सब व्यवस्थाओं से अलग रखा गया है।

  • कोई भी लोक कल्याण की योजना जो इसके लागू होने से पहले से चल रही है। और उसका बजट भी स्वीकृत है। तो वह जैसे के तैसे समान रुप से चलती रहेगी।

क्या क्या नही कर सकते हैं

  • किसी भी धार्मिक स्थल का उपयोग प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है।
  • किसी प्रत्याशी के निजी जीवन पर किसी तरह की टीका टिप्पणी को बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
  • सरकार अपनी योजना का प्रचार प्रसार समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोसल मीडिया के माध्यम से नहीं कर सकती है।
  • यह आचार इसकी व्यवस्था के अनुरुप नहीं है।
  • इस समय में निषेध आज्ञा लगी रहती है।
  • इसके लागू होने से पहले पहले के विज्ञापन, पोस्टर, बैनर, फैक्ट्री, बोर्ड और बाल पेंटिंग आदि को इसके लागू होने से पहले हटाना पडेगा या छिपाना पडेगा।
  • कोई भी मंत्री इससे सम्बन्धित अधिकारी कर्मचारी को अधिकारिक रुप से चर्चा के लिए नहीं बुला सकता है।
  • कोई भी मंत्री प्रचार से सम्बन्धित अपनी यात्रा को अधिकारिक यात्रा में सम्मिलित नहीं कर सकता।
  • किसी भी मंत्री को सरकारी वाहन केवल उसके आवस से कार्यालय तक के लिए ही होगा ना कि किसी तरह के राजनीतिक प्रचार के लिए।
चुनाव से सम्बन्धित इस महत्वपूर्ण विषय Adarsh chunav achar sahinta kya hai आदर्श चुनाव आचार संहिता क्या है और कैसे काम करती है। इसको हम विस्तृत रुप से जान और समझ चुके हैं


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