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Company promoter kaun hote hain| कंपनी प्रोमोटर कौन होते हैं

Company promoter kaun hote hain| कंपनी प्रोमोटर कौन होते हैं

किसी नई कंपनी को बनाने के लिए जिन प्रोमोटर की अत्यंत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है आखिर वह Company promoter kaun hote hain| कंपनी प्रोमोटर कौन होते हैं
 
किसी इकाई को खड़ा करने में उनका योगदान क्या होता है। उसका मार्गदर्शन करने में उनका रणनीतिक दृष्टिकोण बहुत ही सराहनीय और विशेष होता है। इस विषय पर चर्चा करते हैं

जब वर्तमान समय के साथ साथ भविष्य में किसी व्यवसायीक विचार के बहुत अधिक लाभदायक सिद्ध होने की प्रबल सम्भावनाएं होती हैं। उन सम्भावनाओं को कैश करने और उस विचार आइडिया को धरातल पर उतार कर सफल करने के लिए। 

जब कोई व्यक्ति व्यक्तियों का संघ कोई भी पहले से स्थापित व्यवसायिक फर्म और कंपनी या कंपनियों का संघ किसी नई कंपनी को बनाने के लिए पहल करते हैं।

इसे बनाने के लिए इससे सम्बंधित समस्त प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए विचार रणनीतिक योजना रचना तैयार करना बहुत ही महत्वपूर्ण और सदैव ध्यान रखने वाला कार्य होता है। साथ ही वह बहुत सारा मानसिक परिश्रम भी करते हैं। 

बनने वाली कंपनी के पूरी तरह सफल रुप से बन जाने के बाद उसके संचालन के लिए मार्गदर्शन और विजन भी प्रस्तुत करते हैं। वह उस कंपनी के promoter प्रोमोटर या प्रवर्तक कहलाते हैं।

कंपनी बनाने में इनका योगदान अत्यंत ही महत्वपूर्ण होता है। यह उसके निर्माण कर्ता फाउण्डर होते हैं। किसी भी परिस्थिति में इनके उस अतुलनीय योगदान या परिश्रम को कम नहीं आंका जाना चाहिए अथवा भूलना नही चाहिए। 

चाहें वह उस कंपनी में उपस्थित हों अथवा किसी कारण वश उपस्थित ना हों। जैसे कि- जब कंपनी अपनी व्यवसायिक सफलता की श्रेष्ठ ऊचाईयों पर हो। 

जबकि इसे बनाते समय उसका विचार विजन और मार्गदर्शन उन्होंने ही प्रदान किया। जो इस समय उपस्थित हों या ना। 
जबकि इसके सफल रुप से संचालन के लिए जो पेशेवर व्यक्तियों को अलग से नियुक्त किया जाता है। 

किसी भी प्रकार से उन पेशेवरों को प्रोमोटर नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि उनका मुख्य उद्देश्य वहां अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए आय प्राप्त करना होता है।

Company promoter के कार्य

यह जिस भी आईडिया से किसी इकाई को बनाने के लिए सभी प्रोसेस को पूरा करते हैं। उसको धरातल पर प्रारंभ करने के लिए अनेकों प्रकार के कार्यों को करते रहते हैं। जैसे कि-
  • कंपनी के कारोबार की योजना रचना तैयार करना।
  • कंपनी कारोबार के अनुसार नाम तैयार करना।
  • कंपनी रजिस्ट्रेशन से सम्बन्धित पेपर तैयार करना।
  • कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराना।
  • कंपनी कारोबार के लिए पूंजी की व्यवस्था करना।
  • आधार भूत संसाधनों की व्यवस्था करना।
  • कंपनी संचालन के लिए नियुक्तियां करना या कराना।
  • कंपनी प्रबंधन व संचालक मण्डल का मार्गदर्शन करना।
  • कंपनी प्रदर्शन पर नजर रखना।
  • कंपनी का ट्रेडमार्क पंजिकरण कराना।

कंपनी कारोबार की योजना तैयार करना

यह प्रमुख रुप से जिस भी विचार आइडिया की प्रेरणा से कंपनी बनाते हैं। उस विचार पर आधारित इसके कारोबार की विस्तृत रुप से कार्य योजना तैयार करना
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प्रोमोटर कौन होते हैं

और उस योजना के अनुसार प्रस्तावित कार्य को आगे बडाया जाये। उसे कब कब और कैसे कैसे किया जाना है। इसे सुनिश्चित करना

कंपनी कारोबार के अनुसार नाम तैयार करना

प्रवर्तक महोदय इसके कारोबार की प्रकृति के हिसाब से अलग सा और प्रभावशाली नाम का निर्धारण करना। और उस नाम की उपलब्धता को सुनिश्चित करना

कंपनी रजिस्ट्रेशन सम्बंधित पेपर तैयार करना

कंपनी के रजिस्ट्रेशन से सम्बन्धित सभी आवश्यक पेपरों को और मोहर आदि तैयार कराना। इसके कारोबार को उपभोक्ताओं के बीच में अधिक लोकप्रिय और ब्रेकिंग के लिए ट्रेडमार्क का रजिस्ट्रेशन कराना भी आवश्यक होता है। यदि उत्पाद और सेवाओं से सम्बन्धित कोई नई खोज या फारमूला है। तो उसका पेटेंट कराना आदि।

कारोबार के लिए पूंजी व्यवस्था करना

आइडिया के अनुसार करोबार करने के लिए कितनी गतिशील पूंजी की आवश्यकता होगी। इसका लगभग सही सही अनुमान लगाकर उस अनुमानित अवश्यक बर्किंग कैपिटल की व्यवस्था करना। 

यह एक सबसे प्रमुख कार्य है। क्योंकि आवश्यक फण्ड से ही इसके कार्य को सुचारु रुप से रोडमैप के अनुसार कार्य सफलता की ओर आगे बढाया जा सकता है।

कारोबार के लिए आधारभूत संसाधनों की व्यवस्था करना

आवश्यक गतिशील कैपिटल की पूरी तरह से व्यवस्था होने के बाद। इके लिए जो भी आवश्यक संसाधन हैं। उनकी व्यवस्था करना।करना।

जैसे कि- मशीनरी व अन्य विद्युतीय उपकरण कच्चे माल की उपलब्धता को सुनिश्चित करना कर्मचारियों की नियुक्ति करना या कराना।
 
पंजीकृत कार्यालय की वयवस्था करना। यदि कंपनी सेवा क्षेत्र की है। तो ठीक से सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए आवश्यकताओं को पूर्ण कराना आदि।

कंपनी प्रबंधन व संचालक मण्डल की नियुक्ति और मार्गदर्शन करना

इकाई के निर्माण के बाद उसके बहतर प्रबंधन और संचालन के लिए प्रबंधकों संचालकों की नियुक्ति करने के लिए व्यवस्था करना।
 

और उसके उद्देश्यों के अनुसार कार्य को सही से आगे चलाने के लिए प्रबंधन व संचालन समीति के साथ बैठक आदि करके उनका मार्गदर्शन करना।
 
प्रस्तावित उद्देश्यों को पूरा करने के लिए परम आवश्यक होता है। जिससे कंपनी नई नई उन्नति को प्राप्त करती रहे।

कंपनी प्रर्दशन पर नजर रखना

सभी जरुरी कार्यों के साथ ही यह भी बहुत ही आवश्यक होता है कि कंपनी कारोबार क्षेत्र में कैसा प्रदर्शन कर रही है। 

सेल्स और लाभ के नम्बरों का विशलेषण करते रहना बहुत महत्वपूर्ण होता है। बाजार की मांग और सपलाई के सन्तुलन को रखना भी महत्वपूर्ण होता है।

किसी बिजनेस आइडिया को सफल करने के लिए कंपनी के निर्माण से लेकर उसके संचालन तक अनेकों कार्यों को पूरा करने वाले Company promoter kaun hote hain| कंपनी प्रोमोटर कौन होते हैं। उम्मीद है कि इसे बहुत अच्छे से जान चुके हैं। यहां तक पढने और समझने के लिए आपको धन्यवाद! 

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