Retail niveshak share bazar me kb nivesh karen|रिटेल निवेशक शेयर बाजार में कब निवेश करें
कोई भी व्यक्ति अपनी कठिन परिश्रम से कमाई गई पूंजी को लाभ कमाने के उद्देश्य से ही निवेश करता है। तो उसमें शेयर बाजार की ओर लोगों का आकर्षण सदैव ही बना रहता है।
तो वह यह जानने के लिए उत्सुक रहते हैं कि Retail niveshak share bazar me kb nivesh karen|रिटेल निवेशक शेयर बाजार में कब निवेश करें और कैसे करें। इस विषय में उन्हें ठीक से जानकारी होना अवश्य चाहिए।
Retailer share market me kaise invest karen|रिटेलर शेयर मार्केट में कैसे निवेश करें
यह उन सभी रिटेल निवेशकों और अन्य सभी निवेशकों के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्हें अपनी मेहनत की आय को निवेश करते समय बहुत ही सावधान रहना चाहिए।
क्योंकि यह वह प्लेटफार्म है। जहां उन सभी की जरा सी भी असावधानी। उनके निवेश को लाभ के स्थान पर हानि में बदल सकता है।
उन्हें शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपनी आर्थिक स्थिति और उत्पादकता की विशेष रुप से गणना जरुर करनी चाहिए। जिससे उनके समाने यह रिजल्ट आयेगा कि उन्हें अपनी आय और पैसों का कितना हिस्सा बाजार में निवेश करना चाहिए।
वह अपनी सभी आवश्यकताओं को सरलता से पूरा करने के बाद कितना पैसा निवेश कर सकता है। जिससे उनकी जिम्मेदारियां किसी प्रकार से प्रभावित ना हों। जैसे कि- रोजमर्रा के जीवन की आवश्यकताएं बच्चों के स्कूल की फीस, मेडिसिन का खर्च आदि।
Share market me nivesh karne ka sahi time
निवेशकों और रिटेल निवेशकों को इक्विटी बाजार में निवेश करने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण बात सही समय का निर्धारण करना। निवेश का यह सही टाइम ही सबसे जादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बेहतर रिटर्न कमाने के लिए।
निवेश का सही समय ही निर्धारित करता है कि निवेशकों बेहतर रिटर्न प्राप्त होगा
रिटेल निवेशकों को बाजार में अपना निवेश करने से पहले इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि जब बाजार लगातार बड रहा हो। और अपने कारोबारी दिवस में निरन्तर हाई पर हाई बना रहा हो।
ऐसे समय में निवेशकों को सिर्फ और सिर्फ बाजार एवं अपने निवेश के लिए निर्धारित स्टाक के प्रदर्शन पर लगातार नजर बनाये रखना चाहिए। ऐसे में उन्हें बाजार में निवेश बिल्कुल भी नही करना चाहिए।
क्योंकि यह सारा खेल ही बाजार के टाप हाई का ही है। जब निवेशक यह देखते हैं कि मार्केट अपने हाई पर हाई की ओर बडता जा रहा है। अथवा वह यह न्यूज खबर सुनते हैं।
तो ऐसी परिस्थिति में रिटेल निवेशक बहुत ही जादा उत्साहित हो जाते हैं
और बाजार में अनाप सनाप निवेश के लिए दौड पडते हैं। जैसे कि- मधु मक्खियां अपने छत्ते से उडने पर बहुत ही सघन मात्रा में उडती हुई नजर आती हैं।
और जैसे ही इन रिटेल इन्वेस्टरों का भर भर के निवेश होता है। ठीक वैसे ही उन प्रोफेशनल निवेशकों के माध्यम से धडा धड प्राफिट बुकिंग का खेल शुरु हो जाता है। और वह प्राफिट बुक करके निकल जाते हैं।
अब रिटेलर देखते रह जाते हैं। उन्हें यह समझ ही नहीं आता कि अभी तो मार्केट अपने हाई पर हाई बना रहा था। अब यह लो पर लो कैसे बनाता जा रहा है। और इसके साथ ही उन्हें एक अच्छा खासा लौस हो जाता है।
बहुत अधिक निवेशक तो इससे घबरा के इस गिरावट से घबरा के उसी स्थिति में लौस बुक करके निकल जाते हैं। यह लो आये थे कमाने के लिए और गवा कर चले जाते हैं।
यह तो वही बात हो जाती है कि सिर मुडाते ही ओले पड गये। इस घटे रुपी ओलों से बचने के लिए इस तरह की छतरी हो सकती हैं। जिनका उपयोग किया जा सकता है जैसे कि-
- सावधानी ही बचाव है। अर्थात रियल निवेशकों को ऐसे समय में निवेश से दूरी बनाकर बाजार में प्रवेश करने से बचना चाहिए जब बाजार हाई पर हो।
- अगला यह कि प्रिये निवेशकों बाजार के उतार चढ़ाव से बिलकुल भी नहीं घबराना चाहिए।
- अपने मनपसंद स्टाक में निवेश के बाद। क्योंकि यदि वह अच्छा स्टाक है तो लम्बी अवधि में निश्चित रुप से लाभ कमाकर ही देंगे।
रिटेल निवेशकों को अपना उद्देश्य निर्धारित करना
बाजार में निवेशकों को अपना लक्ष्य साफ तौर पर निर्धारित कर लेना चाहिए कि वह बाजार से पैसे बनाने आये हैं। या अनुभव और शौक के लिए बस शेयर बाजार का नाम और चर्चाएं सुनकर निवेश करने आ गये हैं। यह निर्धारित होना अत्यंत ही महत्वपूर्ण है।
क्योंकि इस बाजार से यदि सच में पैसे बनाने हैं। तो उन्हें एक दूसरे को देख कर बिल्कुल काम नहीं करना है। इससे उनका नुकसान का लेवल और भी बड सकता है।
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रिटेल निवेशक शेयर बाजार में कब निवेश करे |
जो धीरे धीरे निवेशित पैसों को समाप्त भी कर सकता है। और उन्हें यह समझ भी नहीं आयेगा कि यह कैसे हो गया। यह एक जटिल स्थिति हो सकती है।
जिससे इसके विषय में उनके मन गलत धारणा विकसित हो जाती है। कि इस इक्विटी बाजार में निवेश तो बिल्कुल नहीं करना चाहिए। जो अन्य निवेशकों के लिए सही सिद्ध नहीं होता है।
यह तो गलत बाजार है। यह सट्टा बाजार है। यह झुठे का खेल होता है।जो कभी नहीं करना चाहिए। यह दुष्प्रचार होने लगता है। जो निवेशकों के लिए मनोबल के लिए सही नहीं होता है।
किसी भी देश का स्टाक इण्डैक्स उस देश की अर्थव्यवस्था को प्रदर्शित करता है। इन्वेस्टर्स को इसके माध्यम से उस देश की अर्थव्यवस्था का विशलेषण करने में काफी जादा सहायता हो जाती है।
इससे बड़ी ही सरलता से उस अर्थव्यवस्था की स्थिति के विषय में अपना दृष्टिकोण स्पष्ट कर लेते हैं। जो उनकी निवेश रणनीति के अत्यंत ही महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है।
शेयर बाजार में निवेशकों का निवेश
सभी रिटेल निवेशकों को बाजार में निवेश करने के लिए कुछ ऐसे अच्छे शेयरों को चुना चाहिए। जिनका प्रदर्शन वर्तमान के साथ भविष्य में सर्वोत्तम रहे।
जिनके बिजनेस की मांग सदैव बडती रहे। और फण्डामेंटल और शेयर वैल्यू बहुत अच्छे हों। साथ ही बाजार में शेयर ओवर वैल्यू ना हों।
निवेश करने के तरीके
बाजार में निवेशकों को निवेश करने की अपनी कुछ रणनीति निर्धारित करनी चाहिए। जैसे कि-
- फण्डामेंटल का विशलेषण
- अपने निवेश को विभाजित करें
- कम समय के लिए निवेश
- लम्बे समय के लिए निवेश
- बोनस और लाभांश प्रदान करने वाले समय
फण्डामेंटल का विशलेषण
निवेशकों को निवेश रणनीति का यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। जिसे अन देखा करना उनके लिए नुकसान दायक सिद्ध हो सकता है। अपने पसंद के स्टाक की बहुत अच्छे से विशलेषण करना चाहिए।
कंपनी किस क्षेत्र में कारोबार करती है। उसकी सेल्स क्या है। उसे कितना रिवेन्यू आता है। उसकी देन धारियां कितनी है। कर्ज कितना है। सेल्स का प्रतिशत कितना है। प्राफिट ग्रोथ क्या है। कुल कितना प्राफिट होता है।
अपने निवेश को विभाजित करना
अपनी सभी पूंजी को अलग अलग क्षेत्र की कंपनीयों में बांट कर निवेश करें। अपनी रुचि के अनुसार कुछ वैल्यू स्टाक की सूची तैयार करना चाहिए। जिनमें थोड़ी थोड़ी पूंजी को निवेश करना अधिक सुरक्षित रहता है।
कम समय के लिए निवेश
इसमें निवेशक अलग अलग तरह से कम समय के लिए अपने पैसों का निवेश करते हैं। इसमें एक सबसे जादा सुरक्षित तरीका है।
प्रारंभिक पब्लिक आफर Initial public offer IPO में निवेश करना। इसको सूचीबद्ध होने में लगभग एक हप्ता लगता है। और आईपीओ बेहतर रिटर्न भी प्रदान कर सकता है।
जादा समय के लिए निवेश
निवेशकों को अपने चुने हुए शेयरों में जादा से जादा समय के लिए निवेश करना चाहिए। जिससे कि उन्हें अपने निवेश का सबसे बेहतर रिटर्न मिल सके।
लाभांश और बोनस प्रदान करने वाले
स्टाक
लाभांश या डिविडेंट से निवेशकों के पास अतिरिक्त आय आ जाती है। जब कोई कंपनी डिविडेंट प्रदान करती है। तो यह निवेशकों के डिमैट खाते के माध्यम से सिधे बैंक खाते में पहुंच जाता है।
जब किसी कंपनी का शेयर निवेशकों को बोनस देती है। इससे उनके शेयरों की डबल या एक निश्चित अनुपात में बड़ जाती है। यह उस पर निर्भर करता है कि वह किस अनुपात से बोनस दे रही है। इससे निवेशकों का लाभ प्रतिशत भविष्य में बड जाता है।
इस पूरे लेख को पडने के बाद निवेशक यह अवश्य ही समझ चुके हैं कि Retail niveshak share market me kb nivesh karen|रिटेल निवेशक शेयर बाजार में कब निवेश करें और कैसे करें।अब वैल्यू स्टाक में निवेश कर अवश्य ही रिटेलर बेहतर रिटर्न प्राप्त करेंगे।
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