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Share market kaise kam krta hai

Share market kaise kam krta hai 

आज इस लेख के माध्यम से हम सभी बहुत ही अच्छी तरह से जानेंगे कि शेयर मार्केट क्या है और कैसे काम करता है Share market kaise kam krta hai सबसे पहले यह समझना बहुत ही जरुरी है कि-


Share kya hai शेयर क्या है 

शेयर किसी कम्पनी या बिजनेस का एक छोटा सा हिस्सा, अंश अथवा भाग होता है। इस भाग को ही शेयर कहा जाता है।

जिसका एक निश्चित अंकित मूल्य ₹10, ₹5, ₹4, ₹2 एवं ₹1 होता है। जो मार्केट में मांग और संख्या के अनुसार बाजार मूल्य पर Trade होते हैं

Share market ka matlab kya hai

इन कम्पनियों को शेयरों के तौर पर कारोबार करने के लिए लिस्ट किया जाता है और जहां इन पंजीकृत शेयरों को अधिकारिक रुप से खरीदा एवं बेंचा जाता है।

उसे ही Share market शेयर मार्केट के नाम से जाना जाता है। यही share market ka matlab है। जिसे और जादा विस्तृत रुप से जाना भी बहुत जरुरी है

इसे इसके अलावा कुछ अन्य मुख्य नामों जैसे कि- स्टाक मार्केट अथवा इक्विटी मार्केट से भी ज मुख्य रुप से बाम्बे स्टाक एक्सचेंज BSE और नेशनल स्टाक एक्सचेंज NSE प्रमुख भारतीय स्टाक मार्केट हैं। यहां ही अधिक तम करोबार होता है।

इन पर कोई भी गरीब सामन्य अथवा धनवान व्यक्ति किसी भी कम्पनी के शेयरों को खरीद व बेंच सकता है। और यह दोनों विश्व के 10 सबसे बडे एक्सचेंजों की सूची में सम्मिलित हैं।


Share market kaise kam करता है

यह बिजनेस व कम्पनियों और निवेशकों के लिए अलग-अलग तरह से काम करता है। हम यहां यह जानेंगे कि यह कैसे काम करता है-


कारोबार के लिए बाजार से पैसा उठाना

इस समस्त प्रक्रिया को दो भागों रखा जाता है। जैसे कि-

1- लोन फाईनेन्स के माध्यम से

2- इक्विटी फाईनेन्स के माध्यम से

1- लोन फाईनेन्स के माध्यम से

डेट यानि कर्ज कम्पनी इस फाईनेन्स को किसी भी बैंक अथवा वित्तीय संस्थान से अपने बिजनेस के आकार एवम्ं प्रकार के आधार पर अपनी आवश्यकता के अनु रुप ले सकती है

किन्तु यह पैसा कुछ समय के बाद कम्पनी को वापस करना पड़ता है। और साथ ही ब्याज के रुप में एक बड़ी राशि भी चुकाना पडती है

और उसे अपने बिजनेस की आय एवम्ं लाभ का एक हिस्सा कर्ज के अनुसार चुकाना पड़ता है। जिससे उनकी आय का एक निश्चित भाग कर्ज में ही चला जाता है।

और वह कम ही प्रॉफिट कमा पाते हैं। इसका हल निकालने के लिए कम्पनी दूसरे तरीके का उपयोग करने का विचार लाती है


2- इक्विटी फाईनेन्स के माध्यम से

बिजनेस एवम्ं कम्पनियों को बाजार से पैसा उठाने का यह सबसे अच्छा और प्रचलित तरीका है इक्विटी फाईनेन्सिंगइसके लिए वह कम्पनी बाजार में अपने शेयर जारी करती है

और पब्लिक से पैसा उठाकर उसे कम्पनी में हिस्सेदार बनाती है। यह पैसा कम्पनी को ना तो वापस करना पड़ता है। और ना ही कोई ब्याज चुकाना पड़ता है।

वह इससे अपने व्यापार को अपनी इच्छानुसार बडाने के लिए उपयोग करतीं है। जिससे कमाई हुई आय व लाभ को कम्पनी अपनी ग्रोथ के लिए उपयोग कर सकती है।

और लम्बे समय में परफॉरमेंस भी लगातार बढ़ती है। जिससे बाजार में उसकी वैल्यूऐशन में और अधिक वृद्धि होती है

Share kya hai-equty market kya hai
शेयर बाजार कैसे काम करता है

और उसके शेयरों की मांग बढ़ जाती हैफिर उसमें निवेशक अधिक निवेश करने को सदैव तैयार रहते हैं। इसके लिए कम्पनी स्टाक मार्केट में प्रारम्भिक पब्लिक ऑफर IPO लेकर आती है


शेयर भाव या उतार चढ़ाव के कारण

स्टाक एक्सचेंज में लिस्टिंग के पश्चात जिस भी कम्पनी का बिजनेस माडल, परफॉरमेंस अथवा ग्रोथ बहुत अच्छी प्रकार से होती है

निवेशकों को यह अधिक पसंद आता है। जिससे निवेशकों में इन शेयरों की मांग बढने लगती है। वह इसमें अधिक निवेश करना चाहते हैं।

इन शेयरों की संख्या निश्चित होने के कारण इनके भाव बढने लगते हैं। जो निवेशक इनके लिए अधिक भाव लगाता है। उसे यह मिल जाते हैं। और उनकी वैल्यू बड़ा जाती है

जबकि ठीक इसके विपरीत जब किसी कम्पनी का बिजनेस माडल व परफॉरमेंस खराब हो जाती है। निवेशकों को वह अधिक प्रॉफिटेबल नहीं लगता

तो वह इन्हें अधिक मात्रा में बेचना आरम्भ कर देते हैं। जिस कारण उनके भाव में तेजी से गिरावट आने लगती है। ठीक इस प्रकार से शेयर बाजार भाव में उतार चढ़ाव आता है

और कहा जाता है कि इस कम्पनी के भाव में तेजी और उसके भाव में गिरावट आ गयी। यह इस निरन्तर प्रक्रिया का प्रमुख कारण है।


शेयर में उतार चढ़ाव कुछ अन्य कारण भी हैं। जैसे कि-

मानसून के कारण

क्योंकि यह बाजार भविष्य की योजनाओं और सम्भावनाओं पर कार्य करता है। हमारा भारत कृषि प्रधान देश है। इस आधार पर हमरी अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर करती है

यदि मौसम विभाग के माध्यम से अच्छे मानसून की सम्भावनाऐं आती हैं। तो इस बाजार में उछाल आ जाता है

यदि औसत मानसून की सम्भावनाऐं प्रकट की जाती हैं। तो इक्विटी मार्केट में नकारात्मक दृष्टिकोण के साथ गिरावट का दौर रहता है


बजट भाषण

1 फरवरी को जब संसद में बजट भाषण होता है। इसमें अर्थव्यवस्था के अनुरुप एवम्ं लम्बे समय में वृद्धि की सम्भावना ओं और योजनाओं के स्वरुप को रखा जाता है

तो इससे इक्विटी मार्केट इसका में बड़ चडकर स्वागत करता है। और मनोवैज्ञानिक स्तर की तेजी देखने को मिलती है।

यदि इन सम्भावनाओं में कुछ भी नकारात्मक दृष्टिकोण प्रकट होता है। इससे उसी रुप में गिरावट की ओर बडता है।


सरकार व कम्पनीयों के अन्तर्राष्ट्रीय समझते

जब हमारी सरकार और कम्पनीयों के माध्यम बिजनेस ग्रोथ की दृष्टि से अन्तर्राष्ट्रीय समझोते होते हैं। इससे हमारे इक्विटी मार्केट के लिए सकारात्मक लाइन विकसित होती है।

जिससे यह बडत दिखाता है। जबकि इससे विपरीत कुछ समझौते होते हैं। अथवा व्यापार समझौते टुटते हैं। फिर यह निचे की ओर आता है


अन्तर्राष्ट्रीय विवादास्पद मुद्दे

इसमें गिरावट के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के विवादास्पद मुद्दे भी अपनी समान रुप से भूमिका निभाते हैं

यदि किसी राष्ट्र के साथ किसी मुद्दे को लेकर मतभेद की स्थिति होती है। तव भी इसमें गिरावट का साफ असर देखा जा सकता है।


अन्तर्राष्ट्रीय स्टाक मार्केट का प्रदर्शन

इस मार्केट के भावों में उतार चढ़ाव का एक मुख्य कारण अन्तर्राष्ट्रीय स्टाक मार्केट का प्रदर्शन भी अहम रोल रहता है। हमारे सेंसेक्स और निफ्टी भी इनके प्रदर्शन का समर्थन करते हुए आगे बढते हैं


स्टाक मार्केट के नियम

इस बाजार में निवेश और निवेशकों की दृष्टि से अपने-अपने अलग नियम हो सकतें हैं

निवेशक बाजार एवम्ं निवेश के अनुसार अपने नियम और रणनीति में परिवर्तन करते रहते हैं। चाहे वह आम निवेशक हो या बडे फण्ड हाउस।


सेंसेक्स एवं निफ्टी इनडैक्स

भारतीय शेयर बाजार का हाल जानने के लिए सेंसेक्स और निफ्टी इनडैक्स की स्थिति को देखकर ही यह जाना जा सकता है कि बाजार ऊपर गया अथवा नीचे गिरा है।

यह इनडैक्स हरे निसान में है तो बडत और लाल निसान में है तो गिरावट हुई है।

सेंसेक्स अंग्रेजी के अक्षर SENStive और indEX के SENS+EX =  SENSEX से मिलकर बना है। इसमें अलग अलग क्षेत्र की 30 सबसे अच्छी कम्पनीयों को सम्मिलित किया गया है।

जो अपने क्षेत्र की लीडर कम्पनीयां होती हैं। इन्ही 30 कम्पनीयों के प्रदर्शन के आधार पर ही सेंसेक्स में बडत और गिरावट को निश्चित किया जाता है।

इसी प्रकार से निफ्टी को National और fIFTY के N+IFTY = NIFTY को मिलाकर बनाया गया है। फिफ्टी इसलिए कि इसमें 50 अपने अपने क्षेत्र की सबसे बेहतर और लीडर कम्पनीयों को सम्मिलित किया गया है।

जिनसे प्रत्येक सेक्टर के प्रदर्शन का अनु-मान कर लिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि सभी कम्पनीयों के प्रदर्शन को ट्रैक करना जटिल होता है।क्योंकि निफ्टी में 1600 से अधिक और सेंसेक्स में 5600 से अधिक कम्पनीयां लिस्टिड हैं।


शेयर बाजार में निवेश के लाभ

इस बाजार में निवेश से कई लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं कुछ यहां प्रस्तुत किये जा रहे हैं।

  • यदि खरीद के एक वर्ष के बाद बेंचा जाये तो उस पर हुए लाभ पर टैक्स नहीं लगता है।
  • निवेश से डिविडेंड के रुप में अतिरिक्त लाभ कमाया जा सकता है जो पूर्णतया टैक्स फ्री होता है।
  • बोनस शेयर के रुप में कम्पनीयां हमारे शेयरों की संख्या को बड़ा देतीं हैं। यह बोनस के अनुपात पर निर्भर करता है। यदि 1:1 का बोनस दिया जाता है तो उपलब्ध शेयरों की ठीक दोगुना हो जाती है।
  • अंकित मूल्य फेस वैल्यू को टुकड़े यानि स्पष्ट करके इनकी संख्या दोगुनी, पांच गुनी और दसगुनी तक हो जाती है।
  • किन्तु भाव पहले के समान ही रहता है। इसका लम्बे समय में बहुत अधिक लाभ मिलता है।
  • कम्पाउन्डिग की पावर का लाभ लम्बे समय में प्राप्त होता है। यह रिटर्न को कई गुना बड़ा देती है। इस बाजार में लम्बे समय के लिए सही निवेश कर बेहतर लाभ कमाया जा सकता है।

अत: हमने आज यहां शेयर क्या है Share market kaise kam krta hai,Share Bazar स्टाक मार्केट और इक्विटी मार्केट में निवेश एवं फायदे के विषय में विस्तृत रुप से जानने का एक सफल प्रयास किया है।


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