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Farmer producer organization fpo kaise bnayen

किसान उत्पादक संगठन एफपीओ कैसे बनाये|Farmer producer organization fpo kaise bnayen

हमारे किसानों के अपने सयुंक्त प्रयासों से वह सभी जादा से जादा लाभ कमा सकें इसके लिए उन्हें किसान उत्पादक संगठन एफपीओ कैसे बनाये Farmer producer organization fpo kaise bnayen अथवा किसान उत्पादक कम्पनी kishan utpadak company fpc को बनाने के विषय में विस्तार से जानेंगे।

इसे जानना और समझना बहुत ही जरुरी हैं। यह प्रयास हमारे किसानों की आय को दोगुना हो जाये। इस मिशन की प्राप्ति को भारत सरकार की एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण किसान उत्पादक कम्पनी kishan utpadak company fpc योजना का हिस्सा है।

जिससे किसान भाइयों को अपनी गाडी मेहनत से उगाई गई फसल उपज का अधिक से अधिक मूल्य प्राप्त हो सके। और हमारे किसान मित्र अपनी आर्थिक उन्नति के साथ ही देश की उन्नति में अपने अमूल्य सहयोग को और जादा बड़ा सकें।

इसलिए माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी की केन्द्रीय सरकार के माध्यम से 2024 तक 10,000 FPOs बनाने का लक्ष्य तैयार किया गया है। जिसके लिए सरकार लगभग ₹5000 करोड़ की बजट राशि खर्च करने का अनुमान भी है।

Fpo farmer producer organization kya hai

Fpo farmer producer organization यह किसानों के माध्यम से उनके लिए ही बनाई गई एक किसान उत्पादक कंपनी kishan utpadak company है।

यह एक तरह से सहकारी समिति और स्वयं सहायता समूह से कुछ मिलती जुलती है। या यूं कहें कि यह उसका उपग्रेटेड वर्जन है। किन्तु उससे बिल्कुल अलग विचार है। क्योंकि यह एक निजी कंपनी के समान होती है

इसलिए इसको चलाने का तरीका कंपनी जैसा ही है। अतः यह की कृषि क्षेत्र में किसानों के माध्यम से काम करने वाली कंपनी होती है। जिसे हमारे किसान भाई कृषि उपज का बहतर लाभ प्राप्त करने के लिए बनाते हैं। और संचालक निदेशक समिति के माध्यम से चलाते हैं

Kisan utpadak company ki awsykta kyun|किसान उत्पादक कम्पनी की आवश्यकता क्यों? 

क्योंकि कृषि क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में विकास दर में उतनी जादा वृद्धि नहीं हुई है। जितना कि अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में विकास दर की वृद्धि हुई है। जबकि यह निचे की ओर को रही

जो नीति निर्धारकों और सरकार के लिए चिंता का विषय रहना भी स्वाभाविक है।क्योंकि हमारे यहां अधिक संख्या में छोटी जोतों के किसान अधिक हैं। जो अपनी इन छोटी छोटी जोतों पर कृषि कार्य कर अपना जीवन चक्र चलाते हैं

जिससे केवल उनका जीवन ही चल पाता है। और अपनी उपज का सही मूल्य नहीं ले पाते हैं। परिणाम स्वारुप वह विकास की मुख्य धारा से अलग ही रह जाते हैं

अतः यह चिन्तनीय है कि इस स्थिति को बदलते हुए। इन छोटे छोटे किसानों को वास्तविक बाजार मूल्य के लाभ से कैसे जोडा जाये। जिससे कि किसान भाइयों को मिलने वाला उपज मूल्य उनके लिए लाभदायक हो सके

और यह छोटी जोतों वाले किसानों अधिक उत्पादक बनाया जाये। जिससे उनके जीवन और आने वाली पीढ़ी के लिए कृषि रुचि और लाभदायक बनी रहे

किसान उत्पादक संगठन Farmer producer organization company fpo / fpc kaise bnayen

एक सुव्यवस्थित, बहतर और मजबूत किसान उत्पादक कंपनी Kisan utpadak company fpc|farmer producer organization fpo बनाने के लिए कम से कम 10 फॉउन्डर किसान मिलकर इसको बना सकते हैं।

Farmer producer company fpc kaise bnayen-किसान उत्पादक कम्पनी कैसे बनाये
fpo kaise bnayen

इसमें अधिकतम किसान सदस्यों की कोई भी एक तैयार लिमिट नहीं है। यह सदस्य 1500 से 2000 सदस्य और इससे भी जादा तक हो सकते हैं। प्रत्येक सदस्य किसान को ₹1000 से ₹2000 तक बराबर हिस्सेदारी का अंश शेयर धारक बनाना चाहिए।

इसमें जितने जादा मेम्बर होंगे उतनी ही जादा शेयर की कार्यकारी पूंजी होगी। जो इसे सफल रुप से चलाने के लिए उपलब्ध होगी। इन संस्थापक किसान सदस्यों में से पांच को डायरेक्टर की जिम्मेदारी भी सम्भालनी होगी।

अर्थात डायरेक्टर बनना होगा। इसके बन जाने के बाद अन्य किसान सदस्यों को इस कम्पनी का हिस्सेदार बनाना होगा। समान्यता प्रत्येक शेयर का आरम्भिक अंकित मूल्य ₹10 रखा जाता है।
और सभी किसान सदस्यों में समान मात्रा में शेयरों को बाटना चाहिए। जिससे सभी मेंबरों में समानता और संतुलन का भाव बना रहे। यह राशि के आधार पर ₹1000 से ₹2000 तक निर्धारित किया जा सकता है।

कृषक उत्पादक कंपनी बनाने से पहले के कार्य

इसे बनाने से कंपनी के उद्देश्य, व्यवसाय और सम्भावनाओं के विषय में फॉउन्डर किसानों को बिलकुल स्पष्ट और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ढृढ़ रुप से सकारात्मक दृष्टिकोण बनाये रखना चाहिए।

साथ ही सदस्य किसान बन्धुओं के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए। और उन्हें इसको पेशेवर रुप से आगे बढ़ना चाहिए। कम्पनी को चलाने के लिए कार्यकारी पूंजी जिसे Warking Capital कहा जाता है।

इसे चलाने का क्षेत्र, उत्पादों की संख्या, प्रकार, करोबार की मात्रा का सम्भावित अनुमान और पूंजीगत आवश्कताओं की पूर्ति प्रक्रिया के लिए खुद को अच्छी प्रकार तैयारी करना चाहिए।

अर्थात उन्हें योजनाओं और सम्भावनाओं की एक स्पष्ट और विस्तृत कार्य योजना बना लेनी चाहिए। जिससे कि योजना के अनुसार कार्यों को आगे बडाते हुए सफलता की और एक नई तस्वीर स्थापित की जा सके।

कम्पनी की इस समस्त प्रक्रिया में औसतन 6 तक का समय लग सकता है। किसी विशेष परिस्थिति में यह समय कम जादा हो सकता है।

किसान उत्पादक कम्पनी FPO Farmer Producer Organization का पंजीकरण

किसान कम्पनी farmer producer organization fpo का Registration कंपनी रजिस्ट्रार के यहां कम्पनी अधिनियम के माध्यम से किया जाता है। इसके लिए किसी कम्पनी के रजिस्ट्रेशन की तरह ही इसके लिए भी अपनाया जाता है। जैैसे कि-

डीजिटल सिगनेचर सर्टिफिकेट

इसके पंजीकरण के लिए सबसे पहले एक चेयरमैन या निदेशक के रुप में किसी एक मुख्य किसान सदस्य के डिजिटल हस्ताक्षर कंपनी रजिस्ट्रार के यहां से प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

क्योंकि यह सुरक्षित और प्रमाणित रुप से यहां किसी आवेदन को प्रस्तुत करने का मुख्य तरीका है। इसके लिए लगभग ₹1800 का शुल्क भी जमा करना होता है।

यह हस्ताक्षर प्रमाण पत्र एक वर्ष से दो वर्ष के लिए जारी किया जाता है। इसके बाद इसे रिन्यू कराया जा सकता है। इस पंजीकरण के लिए जो भी प्रक्रिया होती है।

उसके लिए डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से ही किया जाता है। यह इसलिए कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 में इसको करने का नियम है।

डायरेक्टर पहचान संख्या

अब चुने गये या तैय किये गये चेयरमैन निदेशक की डायरेक्टर पहचान संख्या जिसे Director Identification Number कहा जाता है को प्राप्त करना होगा। इसके लिए-
  • पैनकार्ड
  • वोटरकार्ड
  • आधारकार्ड
  • ड्राविंग लाइसेंस
  • पासपोर्ट
पहचान पत्र के रुप में उपलब्ध कराना होगा। और बिना किसी शुल्क के यह संख्या कंपनी कार्य प्रकोष्ठ से प्राप्त की जा सकती है।

उत्पादक कम्पनी का नाम

इसका नाम इस तरह से रखना चाहिए। जिससे कि कम्पनी का व्यवसाय और उद्देश्य साफ तौर पर स्पष्ट हो। इसके लिए कार्पोरेट मंत्रालय से नाम की उपलब्धता के आधार पर किसान कम्पनी का नाम रखा जायेगा

इसके लिए निर्धारित फीस भी जमा करनी होगी। यदि चुने हुए नाम की उपलब्धता ना हो तो इसका नाम बदलने का विचार किया जा सकता है। हालांकि नाम बार बार बदलना सरल नहीं होता है।

अत: इसके लिए निदेशक मंडल के 2 तिहाई एवं सामान्य सभा के 1 तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित कर ₹500 के शुल्क और नये नाम के चार अन्य बिकल्प के साथ फिर से आवेदन करना चाहिए।

एक बार नाम एप्रूव फाइनल हो जाने के बाद इसका एप्रूबल पत्र मिल जाता है।कम्पनी पंजीकरण शुल्क के साथ, जारी शेयरों की संख्या, प्रमोटरों के माध्यम से 

सब्सक्राइब शेयरों की संख्या के समस्त डाक्यूमेंट्स उस राज्य के कम्पनी रजिस्ट्रार के यहां जमा करना चाहिए। जहां इसका पंजीकृत मुख्य कार्यालय बनाया गया है।

इस आवेदन में इन सभी पेपरों को लगाना चाहिए-

  • आवेदन क्षेत्र लिए नाम की उपलब्धता की पुष्टि करने वाला कम्पनी रजिस्ट्रार के पत्र की प्रति।
  • खसरा खतौनी की फोटो कापी जो किसान की भूमि का प्रमाण होता है
  • कंपनी का स्मृति पत्र की कम्पूटर प्रिंटेड कापी।
  • आवश्यकता के हिसाब से निदेशकों हस्ताक्षर वाले स्टाप।
  • रजिस्टर कार्यालय का पूरा पता व फार्म 18
  • बोर्ड आफ डायरेक्टर का विवरण और फार्म 32
  • इसके गठन से सम्बन्धित सभी मामलों के अनुपालन का घोषणा पत्र व फार्म 1
  • निदेशक सहमति पत्र और फार्म 29
  • यदि समस्त विवरण हिन्दी में कर रहे हैं। तो इसके विषय में घोषणा पत्र कि हम हिन्दी भाषा समझते हैं
  • पावर आफ अटार्नी
यह समस्त फार्म कार्पोरेट मंत्रालय की बेबसाइट कार्पोरेट मंत्रालय की बेबसाइट पर उपलब्ध हो जायेंगे।

कंपनी बनाने का प्रमाण पत्र

जब कंपनी रजिस्ट्रार इस बात से सहमत हो जाते हैं कि इसे बनाने से सम्बन्धित सभी आवश्यक कागज जमा कर दिये गये हैं। तो रजिस्ट्रार की ओर से 30 दिनों में पंजीकरण का प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाता है।

जिससे किसानों की यह उत्पादक कंपनी प्रमाण पत्र जारी करने की दिनांक से अस्तित्व में आ जाती है। कम्पनी बन जाने के बाद यह एक विधिवत व्यक्ति बन जाती है। इसके सदस्य आते जाते रहते हैं।

किन्तु यह तब तक चलती रहती है। जब तक इसे सार्वजनिक प्रमाणित घोषणा करके समाप्त ना किया जाये। इसके उतराधिकारी भी एक के बाद सदा बने रहते हैं।

निदेशक मंडल के द्वारा इसकी एक मुहर भी बनाई जाती है। जिसे आवश्यकता के हिसाब से पेपरों पर लगाया जाता है। और यह अपने नाम से अपनी सभी संपत्तियों को लेने के लिए अधिकृत होती है।

उत्पादक कंपनी बन जाने के तुरंत बाद किये जाने वाले काम

  • इसके बन जाने के तुरंत बाद ही बैंक में कम्पनी के नाम से चालू खाता खुलबाना। जिसके संचालन के लिए कम से कम दो सदस्यों को अधिकृत किया जाना चाहिए।
  • इसके नाम से पैनकार्ड बनबाना चाहिए।
  • GST नम्बर भी आवेदन प्राप्त कर लेना चाहिए।
  • कार्यालय में इसके नाम से बिजली कनेक्शन आवश्यकता के हिसाब से करा लेना चाहिए अथवा
  • सौर ऊर्जा का भी उपयोग किया जा सकता है। जिससे अर्थिक खर्चे में समीक्षा होगी।
जिससे हमारे किसान बन्धु अपने उत्पाद को सीधे बाजार और सम्बंधित कम्पनियों को बेच कर अधिकतम लाभ कमा कर अपनी आर्थिक उन्नति के साथ देश की उन्नति में आपना और अधिक सहयोग प्रदान कर पायेंगे।

इस प्रकार से किसान उत्पादक संगठन एफपीओ कैसे बनाये farmer producer organization fpo kaise bnayen एवं क्या है अथवा किसान उत्पादक कम्पनी kishan utpadak company fpc को हमने विस्तृत रुप से जाना और समझा। यह कंपनी पंजीकरण के साथ बनकर तैयार हो जाती है।


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