-->

Pryavran me plastic aur polithin ek anthin smsya nhi

Pryavran me plastic aur polithin ek anthin smsya nhi

प्लास्टिक की वजह से धरती के वातावरण में प्रदूषण का प्रभाव बडता ही जा रह है।इस तरह Paryavarn me Plastic aur Polithin ek anthin smsya nhi किन्तु इससे निपटना अत्यंत ही कठिन कार्य के रुप में हमारे सामने दिख रहा है। प्रदूषण ने हमारे पर्यावरण को अत्यंत दूषित कर दिया है।

किन्तु इससे निपटने और हल निकालने की ठान ली जाये तो शीघ्र ही इस समस्या को हल किया जा सकता हैं। क्योंकि हमने अत्यंत ही कठिन से कठिन समस्याओं का हल अपनी ढृढ़ इच्छा शक्ति के बल से निकाला है। 

और हम इसी शक्ति के बल पर किसी भी पहेली का हल निकालने में सक्षम हैं।हमारा जीवन भी पर्यावरण के दूष्प्रभाव से अछुता नहीं है। उसने हमारे जीवन को तरह-तरह से प्रभावित किया है। 

जो हमारे जीवन के लिए बहुत हानिकारक सिद्ध हुआ है। और आज सुरक्षित भविष्य के लिए पलास्टिक की इस समस्या को हल करने के लिए शीघ्र अति शीघ्र प्रभावी कदम उठाते हुए तेजी से आगे बढ़ना ही होगा।

पर्यावरण और प्रकृति में पलास्टिक और पालीथीन एक अंतहीन समस्या नहीं

प्रदूषण हमारी धरती की प्रत्येक अमूल्य धरोहर को प्रदूषित कर रहा है। पलास्टिक, पौलीथीन, पानी की बोतलें, पौलीथीन पैकिंग के खाद्य पदार्थों के बढते उपयोग ने प्रदूषण की समस्या को और विकराल कर दिया है।

हमें तकनीक, सयंम और धैर्य से प्रदूषण की समस्या का डटकर सामना करना है। और अपनी धरा की समस्त अमूल्य धरोहरों को सहज कर रखना है।

हम सबको मिलकर के प्रदूषण की इस समस्या को जड़ से समाप्त करना है। तभी हम आने वाली पीड़ियों को साफ स्वच्छ पर्यावरण प्रदान कर पायेंगे।

उनका आने वाला कल हम सुरक्षित दे पायेंगे। प्राकृति में होने वाले अनावश्यक एवं आश्चर्यजनक परिवर्तन का मुख्य कारण पर्यावरण का अत्यंत प्रदूषित होना ही है।

हमें ऐसी नीतियां बनाने होंगी। जो हमारा पर्यावरण और धरा की अमूल्य धरोहरों को सदा के लिए सुरक्षित रख सकें। उनका पोषण कर सकें।

हमें एक ऐसी विशेष नीति बनानी होगी। जिससे पलास्टिक, पौलीथीन पर्यावरण में जाये ही ना।

यह मानव हाथ में आने के बाद, हाथ से ही स्टोर हो जाये।

पर्यावरण में इनको जाने से रोकने के लिए उपभोक्ताओं से अतिरिक्त धरोहर मूल्य लिया जाना चाहिए।

और उस पलास्टिक और पालीथीन को बिक्रेताओं एवं उत्पादकों के माध्यम से पहले से ली जा चुकी धरोहर मूल्य का उपभोक्ताओं को भुगतान कर वापस लेकर स्टोर कर लेना चाहिए।

Plastic ke dusprabhav km krne ke upaye-पलास्टीक के दुष्प्रभाव कम करने के उपाय
पर्यावरण में पलास्टिक और पौलिथीन अंतहीन की समस्या

लोगों से इसे वापस लेकर इक्कठा कर रिसाईकल करने के लिए उत्पादकों के पास या फैक्टरियों में पहुँच जानी चाहिए।

जिससे कि इसको पुनः उपयोग करने लायक बनाकर बाजार और उपभोक्ताओं तक पहुँचा कर इसका अधिक से अधिक उपयोग किया जा सके। 

और हमारे द्वारा भी पर्यावरण संरक्षण में में अपना अमूल्य योगदान किया जा सके। अत: इस प्रकार से इसको उपभोक्ताओं के माध्यम से इकट्ठा कराके। 

उसके बदले में मूल्य का भुगतान करके इसे पर्यावरण में पहुचने से प्रभावी रूप से रोका जा सकता है। उपभोक्ताओं को यह देते समय उनसे इसकी वापसी के लिए धरोहर राशि लेना। 

और बिक्रेताओं के द्वारा धरोहर राशि वापस करके इसे वापस ले लेना। इस प्रकार से उद्योग के लिए भी एक अतिरिक्त बहुत बडे फण्ड की व्यवस्था हो सकती है। जो बिना ब्याज के हो सकता है

इसके पश्चात बिक्रेताओं द्वारा उपभोक्ताओं को वापस की गई धरोहर राशि को, बिक्रेताओं को वापस करके फैक्टरीयों और उत्पादकों को इसे वापस ले लेना चाहिए।

अत: पर्यावरण को साफ, स्वच्छ और निरमल बनाये रखने की इस व्यवस्था में मुख्य रूप से तीन पिलर होंगे-

  • उपभोक्ता
  • बिक्रेता
  • फैक्टरियां या उत्पादक।

यह पर्यावरण को बचाकर साफ स्वच्छ और निरमल रखने की मुख्य तकनीक सिद्ध होगी। इस प्रकार से हम धीरे-धीरे इसको पर्यावरण में जाने से रोकने में सफल होंगे।

और परिवर्तन तो प्राकृति का अटल नियम है जो निरन्तर गतिमान बना ही रहता है। इस अटल सत्य को प्रत्येक प्राणी भलीभांति से जानता है

इस तकनीक को प्रभावी तरह से तैयार करके लागू करने से इसके अत्यंत ही सकारात्मक परिणाम आयेंगे। और समस्त विश्व के सामने एक कीर्तिमान स्थापित होगा।

साथ ही इस तकनीक का व्यापक प्रचार-प्रसार करके जन-जन तक पहुँचाते हुए उन्हें सजग और जागरुक करके। हम निश्चित रूप से इसे सिद्ध करने में सफल होंगे।

साथ ही इसके लिए मजबूत राज नीतिक इच्छा शक्ति का होना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही हम सबको पर्यावरण और प्रकृति के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी को ध्यान में रखना और पालन करना चाहिए। 

और प्रभावी रुप से इसको पर्यावरण एवं प्राकृति में जाने से रोकना ही होगा। तभी हम इससे मुक्ति पाकर साफ स्वार्थ और निरमल वातावरण के सपने को साकार कर पायेंगे


पर्यावरण में पलास्टीक और पालीथीन के दुष्प्रभाव को कम करने के कुछ उपाय 

पर्यावरण में इसके दुष्प्रभावों को कम करने के लिए कुछ त्वरित सामान्य से उपाय हमारे माध्यम से आवश्य किये जा सकते हैं। जैसे कि-

  • सर्वप्रथम इसके बिकल्प के रुप में बाजार में कपड़े और जूट के बैग के उपयोग करना।
  • सरकार के माध्यम से एक प्रोत्साहन फण्ड की स्थापना भी की जानी चाहिए।
  • पलास्टीक बैग का अनावश्यक उपयोग करने से मना करना चाहिए।
  • उद्योग जगत को भी प्रमुखता से आगे आकर पलास्टीक बंद खाद्य वस्तुओं की पैकिंग के बिकल्प पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
  • मौजूद पलास्टीक कचरे से ऊर्जा निर्माण की सम्भवनाओं अध्ययन और शोध किया जाना चाहिए।

अत: तभी हम इस तथ्य पर्यावरण पर्यावरण में पलास्टिक और पालीथीन एक अंतहीन समस्या नहीं|Paryavarn me plastic aur polithin ek anthin smsya nhi इसको सार्थक कर पाने में निश्चित रुप से सफल हो पायेंगे


Post Navi

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ