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Fastag kaise bnta hai

Fastag kaise bnta hai|फास्टैग कैसे बनता है

आज हम सभी सड़क यातायात के टोल टैक्स की एक नई अनिवार्य व्यवस्था Fastag kaise bnta hai फास्टैग कैसे बनता है अथवा fastag kya hai इसके लाभ क्या हैं और इसे कैसे प्राप्त करें। आज हम इसे विस्तृत रुप से समझने का प्रयास करेंगे।

यह राष्ट्रीय हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की सड़क यातयात के दौरान टोल टैक्स प्लाजाओं पर टोल फीस के लिए लगने वाली लम्बी लम्बी लाइनों के जाम से सफर में होने वाली परेशानी को बिना रुके कम से कम करने की एक महत्वाकांक्षी एवम् सरल योजना है।

इस योजना से राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल फीस कनैक्शन सिस्टम National electronic toll fee collection system (NETCS) की सहायता से टोल फीस कलैक्ट कर यात्रीयों के सड़क यात्रा के अनुभव को और जादा बहतर करना ही इसका उद्देश्य है।

जिसके माध्यम से यात्रा में टोल प्लाजाओं पर यात्रीयों का एक नया और अदभुद अनुभव हो भी रहा है। अब टोल नाकों पर टोल की पर्ची के लिए लम्बी लम्बी। लाइनें लगना कम से कम हो गई हैं। जो यात्रीयों के लिए एक अलग और नया सफल विचार है

सफर के दौरान जहां एक टोल पर्ची निकलने में और शुल्क लेन देन में एक वाहन को औसतन लगभग 5-10 मिनट का समय लग जाता था। वहीं अब यह टाईम घटकर बहुत ही कम हो गया है। जो वाकई पहले से बहुत ही अलग एहसास है।

हम अबसे 10 वर्ष पहले की कल्पना करें तो यह हमारे लिए अत्यंत ही आश्चर्य जनक है। इससे पहले सड़क मार्ग में टोल से गुजरना कितना कठिन होता होगा। जो अब बहुत ही सरल हो गया है। यह बडती और विकसित होती तकनीक का कमाल है

अन्य शब्दों में इसे हमारे प्रीपेड मोबाईल सेवा की तरह ही कहा जा सकता है। जैसे हम मोबाईल रिचार्ज समाप्त हो जाने पर उसका आगे और उपयोग करने के लिए उसे आवश्यकता के हिसाब से रिचार्ज कराते हैं। ठीक उसी प्रकार से हमें इसे भी रिचार्ज करवाना होता है

सबसे पहले यह 2014 में परीक्षण के रुप में कुछ जगह पर ही लागू किया गया था।उसी समय से ही राष्ट्रीय परमीट (NP) के वाहनों के लिए जरुरी किया गया था।

इसके सफल आश्चर्यजनक परिणामों को देखकर इस विचार और विस्तृत रुप से करने के लिए योजना रचना तैयार करना शुरु किया गया

15 फरवरी 2021 की मध्य रात्रि से सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के टोल प्लाजाओं से गुजरने वाले वाहनों के लिए इसे अनिवार्य रुप से लागू कर दिया गया है

Fastag kaise kam krta hai
फास्टो कैसे बनता है

इसलिए इसे प्रत्येक वाहन के मालिक को बनबाना जरुरी हो गया है। अन्यथा यह स्टीकर टैग ना होने पर वाहन स्वामी से डबल शुल्क चार्ज किया जायेगा

Fastag कैसे बनता है और प्राप्त करें

नया वाहन खरीदने वाले लोगों को इसको बनबाने के लिए चिंता करने की आवश्य- कता नहीं है। उन्हें वाहन कम्पनी के माध्यम से वाहन पंजीकरण के साथ ही प्राप्त हो जायेगा

उन्हें केवल इसे समय समय पर जरुरत के अनुसार रिचार्ज करवाना है। यह केवल पुराने वाहन मालिकों को ही बनवाना होगा। इसको कई माध्यमों से बनवाया और प्राप्त किया जा सकता है

इसे बनवाने के लिए आनलाईन सड़क परिवहन विभाग से इसके पोर्टल पर जाकर सरलता से बनवाया जा सकता है

इसे ऑफ लाईन टोल प्लाजा के पांडे ऑफ सेल Point of Sale POS केन्द्र पर जाकर आवश्यक शुल्क देकर भी बनवाया जा सकता है

साथ ही अन्य अधिकृत एजेंसियों और बैंकों के माध्यम से भी इसे खरीदा बनवाया और फास्टैग स्टीकर प्राप्त किया जा सकता है

फास्टैग बनवाने को जरुरी पेपर

इसको बनवाने के लिए कुछ आवश्यक पेपर जैसे कि-

  • वाहन का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र
  • वाहन स्वामी का पहचान पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
  • बैंक पास बुक
  • पासपोर्ट आकार के फोटोग्राफ
  • मोबाईल नम्बर

Fastag कैसे काम करता है व लगायें

इसके बन जाने के बाद प्राप्त स्टीकर टैग को गाड़ी के ड्राइवर साइड के शीशे पर ऊपर को साइड में लगाया जाता है। जिससे कि गाड़ी जैसे ही टोल प्लाजा के पास पहुचती है

तो टोल आपरेटर के पास ऊपर की तरह लगा हुआ सेंसर इसे आटो स्कैन कर इस अकाउंट को एक्सेस करते हुए टोल फीस ले लेता है

और हमारे मोबाइल फोन पर इस ट्रांजे- क्शन का एवम् एकाउंट में शेष बैलेंस का मैसेज आ जाता है। यह स्टीकर टैग रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन RFID तकनीक से काम करता है

फास्टैग स्टीकर रिचार्ज और वैद्यता

यह कार्ड कम से कम ₹100 से लेकर अधिकतम ₹1,00,000 तक रिचार्ज करवाया जा सकता है। इसे आनलाईन UPI, नेटबैंकिंग और ऑफ लाइन टोल प्लाजा के पीओएस सेन्टर से भी रिचार्ज कराया जा सकता है
यह स्टीकर टैग अगले पांच वर्षों तक के लिए वैध रहेगा

Fastag के फायदे

इसके आने और अनिवार्य रुप से लागू होने से सड़क परिवहन में टोल प्लाजाओं पर बहुत लाभ हैं जैसे कि-
  • टोल टैक्स प्लाजाओं पर लम्बी लम्बी लाइनें नहीं लगती हैं।
  • टोल प्लाजाओं पर ट्रैफिक में जादा समय तक खड़े नही रहना पड़ता है।
  • खुले पैसों की एक बड़ी समस्या हल हो गई है।
  • पूरी टोल फीस आटो पेड हो जाती है।
  • समय की बचत होती है।
  • पैट्रोल डीजल ईधन की भी बचत होती है।
  • हिसाब किताब में सरलता होती है।
  • लेन देन ट्रांजेक्शन का मैसेज एलर्ट प्राप्त हो जाता है।
जिससे सड़क मार्ग से यात्रा के दौरान टोल प्लाजा पर जाम में समय नष्ट ना हो और टोल फीस बिना रुके ही आटो पेड हो जाये। जिससे रोड पर सफर का सुखद आनंद मिल सके।

अतः Fastag kaise bnta hai फास्टैग कैसे बनता है अथवा fastag kya hai इसके लाभ क्या हैं और इसे कैसे प्राप्त करें। इसके फायदे क्या क्या हैं और यह कैसे काम करता है।
इसके माध्यम से हम ने इसे बहतर प्रकार से जानने और समझने का प्रयास सफल किया है। आपकी सफल और सुखद यात्रा की हमारी शुभकामनाएं हैं। धन्यवाद!

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